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सोमवार, 14 अक्तूबर 2024

बोलने में हकलाना। Hesitation to Speak

            इस दुनिया में कई लोग ऐसे है की बोलने में झिझक है। ऐसे लोग ठीक तरीके से बोल नहीं पाते तो वो घुटन महसूस करते है। दूसरे लोग उसकी बेइज़ती करते है  या तो हसते है। बोलने में झिझक वाले लोग कितना भी होशियार हो लोग उनकी बात टालते रहते है। बोलने में झिझक वाले लोगो के लिए में ऐसा तरीका बताउगा की वो कम झिझके। तरीका बताने से पहले में कुछ मुद्दे ऐसे बताउगा की झिझकना क्यों होता है ?


Hesitation to Speak


1.    घबराहट होना। 

2.    जन्म से झिझकना । 

3.     किसी से डरना। 

4.     झूठ बोलते वक्त झिझक।

उपाय। 

           कई बार ऐसा होता हे की बोलने में झिझक ने वाले लोग बोलते वक्त जोर से या तो जल्दी से बोलते हे तो झिझक ते हे तो उन लोगो को धीरे से बोलना चाहिए। कुछ शब्द ऐसे होते हे की हम झिझक ते हे तो वो शब्द का समानार्थी होता हे तो उसका इस्तमाल करना चाहिए। हो सके तो अकेले में कोई भी बुक हो तो जोर से पढन ईसे आत्मविश्वास बढ़ता है।

            कोई भी स्पीच थेरपी में जाने की जरुरत नहीं है क्योकि वो भी यही सलाह देते हे और ज्यादा पैसा ले लेते हे। 

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